26/11 हमले का आरोपी तहव्वुर राणा आएगा भारत, प्रत्यर्पण के लिए तैयार अमेरिका

26/11 हमले का आरोपी तहव्वुर राणा आएगा भारत, प्रत्यर्पण के लिए तैयार अमेरिका

मई 18, 2023 - 11:08
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26/11 हमले का आरोपी तहव्वुर राणा आएगा भारत, प्रत्यर्पण के लिए तैयार अमेरिका

मुंबई अटैक की प्लानिंग करने वाले पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पण करने को अमेरिका अब तैयार हो गया। भारत ने 10 जून, 2020 को अमेरिकी कोर्ट में तहव्वुर राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए गुहार लगाई थी। जो बाइडन प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी। कैलिफोर्निया के मध्य जिले की जिला अदालत की न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने 16 मई को 48 पेज के आदेश में कहा कि कोर्ट ने अनुरोध के समर्थन और विरोध में प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की समीक्षा की है और उन पर और सुनवाई में प्रस्तुत तर्कों पर विचार किया है।

भारत के प्रत्यर्पण के अनुरोध को कोर्ट ने स्वीकार

न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने कहा कि कोर्ट का निष्कर्ष है कि तहव्वुर राणा (62 वर्ष) उन अपराधों के लिए प्रत्यर्पण योग्य है, जिनमें उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों में भूमिका को लेकर भारत के प्रत्यर्पण का अनुरोध किए जाने पर तहव्वुर राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था।

भारत लाने की कार्यवाही शुरू करेगा NIA

NIA ने कहा है कि वह राजनयिक माध्यमों से तहव्वुर राणा को भारत लाने की कार्यवाही शुरू करने को तैयार है। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के किए गए 26/11 हमलों में तहव्वुर राणा की भूमिका की जांच एनआईए कर रही है।

मुंबई हमले का सूत्रधार था तहव्वुर राणा

कोर्ट की सुनवाई में अमेरिकी सरकार के वकीलों ने तर्क दिया कि राणा को पता था कि उसका दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा में शामिल है। और हेडली की सहायता करके और उसे बचाव प्रदान कर उसने आतंकवादी संगठन और इसके सहयोगियों की मदद की।

तहव्वुर राणा के वकीलों ने किया जमकर विरोध

तहव्वुर राणा के वकील ने प्रत्यर्पण का विरोध किया। भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि है। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि राणा का भारत, प्रत्यर्पण पूरी तरह से संधि के अधिकार क्षेत्र में है।

आतंकवादी अजमल कसाब जीवित पकड़ा गया था

मुम्बई हमलों में अजमल कसाब नाम का आतंकवादी जीवित पकड़ा गया था। जिसे 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी की सजा दी गई थी। शेष आतंकवादियों को हमलों के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था।

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