इमरान खान और उनके करीबी फवाद चौधरी की बढ़ी मुश्किलें, गैर-जमानती वॉरंट
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ ही अब उनके करीबी फवाद चौधरी की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। इसकी वजह है पाकिस्तान के चुनाव आयोग का हाल ही में लिया गया एक फैसला।
पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान () की पीएम पद की कुर्सी जब से छिनी है, तभी से उनकी मुश्किलें भी शुरू हो गई। पीएम पद की कुर्सी छिनने के बाद से ही इमरान ने देश के नए प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ (Shehbaz Sharif) और पाकिस्तान की आर्मी के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी। इससे सेना के साथ ही देश की सरकार भी पूरी तरह उनके खिलाफ हो गई। पाकिस्तान में सेना से खिलाफत करना किसी के लिए सही नहीं रहा। इमरान को सुप्रीम कोर्ट से रिहाई के साथ ही हाईकोर्ट से तोशखाना मामले और अल कादिर ट्रस्ट मामले में तो राहत मिल गई हैं, पर इसके बावजूद उनकी परेशानी कम नहीं हुई हैं। अब इमरान के साथ उनके करीबी और पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी (Fawad Chaudhary) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसकी वजह है पाकिस्तान के चुनाव आयोग का एक फैसला।
दरअसल इमरान और फवाद के खिलाफ पिछले साल चुनाव आयोग ने मामला दर्ज कराया था। इन दोनों के अलावा पीटीआई के अन्य नेता असद उमर (Asad Umar) के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया गया था। तीनों के खिलाफ चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में मामला दर्ज कराया गया था। बार-बार नोटिस देने के बाद भी तीनों चुनाव आयोग के सामने पेश नहीं हुए। तीनों को आज भी पाकिस्तान के चुनाव आयोग के सामने पेश होना था पर तीनों ने ही ऐसा नहीं किया। इस वजह से पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान और फवाद के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वॉरंट जारी कर दिया।
असद के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वॉरंट इसलिए जारी नहीं किया गया क्योंकि उसकी काउंसिल ने चुनाव आयोग को बताया कि असद को एक दूसरे मामले में भी पेश होना है और साथ ही उसका मेडिकल अपॉइंटमेंट भी है, जिस वजह से वह चुनाव आयोग के सामने पेश होने में असमर्थ है।
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