क्या है यूपी की सोशल मीडिया नीति, ₹8 लाख तक कैसे और किसे मिलेगा, क्यों हो रहा विवाद?

अगस्त 29, 2024 - 23:04
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क्या है यूपी की सोशल मीडिया नीति, ₹8 लाख तक कैसे और किसे मिलेगा, क्यों हो रहा विवाद?

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक नई सोशल मीडिया नीति लेकर आई है। बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति-2024 को मंजूरी दे दी गई। इसमें सोशल मीडिया पर काम करने वाली एजेंसी व फर्म को विज्ञापन की व्यवस्था की गई है। 

हालांकि, विपक्ष ने इस नीति पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे ‘तरफदारी के लिए दी जाने वाली भाजपाई घूस’ करार दिया है। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने नीति को सच को दबाने का एक और तरीका बताया है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक नई सोशल मीडिया नीति लेकर आई है। बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति-2024 को मंजूरी दे दी गई। इसमें सोशल मीडिया पर काम करने वाली एजेंसी व फर्म को विज्ञापन की व्यवस्था की गई है। 

हालांकि, विपक्ष ने इस नीति पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे ‘तरफदारी के लिए दी जाने वाली भाजपाई घूस’ करार दिया है। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने नीति को सच को दबाने का एक और तरीका बताया है।

यूपी की नई सोशल मीडिया नीति क्या है?
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में जनकल्याणकारी योजनाओं की उपलब्धियों की जानकारी और उससे होने वाले लाभ को जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति-2024’ को लागू करने का निर्णय लिया है। 27 अगस्त को हुई कैबिनेट की बैठक में इस नीति को मंजूरी दे दी गई। डिजिटल मीडिया हैंडल्स संचालकों / डिजिटल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को विज्ञापन मान्यता कैसे मिलेगी, इससे जुड़ी प्रक्रिया और मार्गदर्शिका 28 अगस्त को जारी की गई।

इसमें किसे फायदा मिलेगा?
नई सोशल मीडिया नीति के तहत उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के भीतर और बाहर से संचालित होने वाले डिजिटल मीडिया हैन्डल, पेज, चैनल, अकाउंट होल्डर, संचालक, डिजिटल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स और कन्टेन्ट राइटर या इनसे जुड़ी एजेंसी/फर्म के लिए है। सरकार के कार्यक्रमों और योजनाओं की सूचना और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ डिजिटल माध्यम से लोगों तक पहुंचाने वालों को उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञापन सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग से जोड़ा जाएगा। फिर इन्हें विभाग में सूचीबद्ध कर नियम के अनुसार विज्ञापन दिया जाएगा। 

विज्ञापन पाने के लिए शर्त क्या हैं?

  • जिन्हें विज्ञापन दिया जाएगा उनका कम से कम दो साल से अस्तित्व में होना जरूरी है। इससे जुड़ा जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा है।
  • सूचीबद्धता के लिए आवेदन करते समय पिछले छह महीने की डिजिटल मीडिया एनालिटिक्स रिपोर्ट देनी होगी। इसी आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में डिजिटल मीडिया हैन्डल, पेज, चैनल, अकाउंट होल्डर, संचालक, डिजिटल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स, कन्टेन्ट राइटर या इनसे संबंधित एजेंसी या फर्म को सूचीबद्ध किया जायेगा।
  • इनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए, इसका शपथ पत्र देना होगा।
  • इनके पास वीडियो,पोस्ट या कंटेन्ट आदि बनाने के लिए खुद के शूटिंग से जुड़े सभी उपकरण होने चाहिए।
  • कितने रुपये मिलेंगे?
    राज्य सरकार फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म चलाने वाले और इन्फ्लूएंसर्स को उनके सब्सक्राइबर्स या फॉलोअर्स के आधार पर प्रति माह 8 लाख रुपये तक का भुगतान करेगी। इसके लिए चार अलग-अलग श्रेणियां बांटी गई हैं। एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम के लिए श्रेणीवार अधिकतम भुगतान सीमा क्रमशः ₹ 5 लाख, ₹ 4 लाख, ₹ 3 लाख और ₹ 2 लाख प्रति माह निर्धारित की गई है।

    वहीं यूट्यूब पर वीडियो, शॉर्ट्स, पॉडकास्ट के लिए श्रेणीवार अधिकतम भुगतान सीमा क्रमशः ₹ 8 लाख, ₹ 7 लाख, ₹ 6 लाख और ₹ 4 लाख प्रति माह तय की गई है।

    फेसबुक:

    श्रेणी सब्सक्राइबर्स/फॉलोअर्स (न्यूनतम) वीडियो/पोस्ट (6 माह में)
    A 10 लाख 10 वीडियो या 20 पोस्ट
    B 5 लाख 8 वीडियो या 16 पोस्ट
    C 2 लाख 6 वीडियो या 12 पोस्ट
    D 1 लाख 5 वीडियो या 10 पोस्ट
  • एक्स (पूर्व में ट्विटर):
     
    श्रेणी सब्सक्राइबर्स/फॉलोअर्स (न्यूनतम) वीडियो/पोस्ट (6 माह में)
    A 5 लाख 15 वीडियो या 30 पोस्ट
    B 3 लाख 12 वीडियो या 30 पोस्ट
    C 2 लाख 10 वीडियो या 20 पोस्ट
    D 1 लाख 8 वीडियो या 15 पोस्ट

    इंस्टाग्राम: 
     
    श्रेणी सब्सक्राइबर्स/फॉलोअर्स (न्यूनतम) वीडियो/पोस्ट (6 माह में)
    A 5 लाख 15 वीडियो या 30 पोस्ट
    B 3 लाख 12 वीडियो या 30 पोस्ट
    C 2 लाख 10 वीडियो या 20 पोस्ट
    D 1 लाख 8 वीडियो या 15 पोस्ट

    यूट्यूब:
    श्रेणी सब्सक्राइबर्स/फॉलोअर्स (न्यूनतम) वीडियो/पोस्ट (6 माह में)
    A 10 लाख 12 वीडियो
    B 5 लाख 10 वीडियो
    C 2 लाख 10 वीडियो
    D 1 लाख 8 वीडियो
  • विपक्ष इस नीति पर क्या कह रहा? 
    तमाम विपक्षी दलों ने इस नीति पर की आलोचना की है। सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि ये तरफदारी के लिए दी जाने वाली भाजपाई घूस है। भाजपा भ्रष्टाचार की थाली में झूठ परोस रही है। जनता के टैक्स के पैसे से आत्म प्रचार एक नये तरीके का भ्रष्टाचार है। 

    वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने नीति पर की आलोचना करते हुए कहा कि 'तुम दिन को कहो रात तो रात, वरना हवालात' नीति सच को दबाने का एक और तरीका है। क्या भाजपा लोकतंत्र और संविधान को कुचलने से ज्यादा कुछ सोच ही नहीं सकती? 

  • सरकार अपने फैसले पर क्या कह रही?
    मंगलवार को यूपी कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्री संजय निषाद ने कहा, ‘सोशल मीडिया, इंस्टाग्राम के लिए नीति बन रही है। अब उनका विनियमन होगा और उन्हें विज्ञापन भी दिए जाएंगे। बहुत सारी नीतियां बनाई गई हैं।’ 

    इसके अलावा एक बयान में उत्तर प्रदेश सरकार ने डिजिटल मीडिया नीति-2024 के अंतर्गत अभद्र टिप्पणी पर आजीवन कारावास तक की सजा के प्रावधान को भ्रामक सूचना करार दिया है। बयान के अनुसार यूपी सरकार की ओर से डिजिटल मीडिया नीति में ऐसा कोई प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किया गया है।

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