सड़कें जलमग्न, गाड़ियां डूबीं; कमर तक भरा पानी… जल से ‘जलता’ गुजरात
गुजरात को अभी बारिश और बाढ़ से राहत मिलने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है. गुरुवार सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक 10 घंटे में 191 तालुकाओं में एक मिलीमीटर से लेकर 279 मिलीमीटर तक बारिश हुई. वहीं 24 घंटों में 1,785 लोगों को बाढ़ से बचाया गया और 13,183 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
गुजरात में इस समय चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. क्या नदी, क्या झीलें, क्या झरने सभी के सभी उफान पर हैं. भीषण बारिश और बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. बाढ़ ग्रस्त इलाकों से लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं. फिलहाल अभी गुजरात को राहत मिलने की उम्मीद भी नहीं है. उसे और बारिश और बाढ़ का प्रकोप झेलना पड़ेगा, क्योंकि मौसम विभाग ने 30 अगस्त तक बारिश का अलर्ट जारी किया है. बाढ़ से गुजरात में अभी तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 18 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. वहीं राहत-बचाव में लगी टीमें ने 1200 लोगों को बाढ़ से बचाया है.
गुजरात में आज गुरुवार सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक 10 घंटे में 191 तालुकाओं में एक मिलीमीटर से लेकर 279 मिलीमीटर तक बारिश हुई है. कच्छ जिले के मांडवी में दोपहर 12 बजे से दो बजे तक महज दो घंटे में चार इंच ज्यादा बारिश हुई, जबकि दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक दो इंच बारिश हुई. वहीं मुंद्रा में सात इंच, देवभूमि द्वारका में साढ़े पांच इंच बारिश हुई है.
पिछले 24 घंटों में 238 तालुकाओं में अच्छी खासी बारिश हुई है. सबसे ज्यादा द्वारका के भनवाद में 12 इंच बारिश हुई. कच्छ के अब्दासा में 11 इंच बारिश हुई. द्वारका के कल्याणपुर में 10.5 इंच बारिश हुई. कच्छ के लखपत में 9 इंच बारिश हुई. द्वारका में 9 इंच बारिश हुई. जामजोधपुर में 9 इंच, मांडवी में 7.2 इंच, जामनगर में 6.9 इंच बारिश हुई.
राजकोट में मोज बांध हुआ ओवरफ्लो
राजकोट में लगातार हो रही बारिश के कारण मोज बांध ओवरफ्लो हो गया है. लगातार पानी की आवक के चलते बांध से पानी छोड़ा गया है. बांध के 24 गेट 2 फीट तक खोल दिए गए हैं. बांध में 29 हजार क्यूसेक पानी की आवक और निकासी है. बांध से पानी छोड़े जाने से मोज नदी उग्र हो गई है. मोज के किनारे के गांवों को अलर्ट कर दिया गया है.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 1,785 नागरिकों को बचाया गया है और 13,183 नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. राज्य में राहत एवं बचाव कार्य के लिए NDRF की 17, SDRF की 25 टीमों के अलावा सेना की 9 टुकड़ियां तैनात की गई हैं.
जामनगर और द्वारका पहुंचे CM भूपेंद्र पटेल
वहीं बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल जामनगर और द्वारका पहुंचे. सबसे पहले वह जामनगर पहुंचे. यहां आला अधिकारियों और पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जिले में बारिश की पूरी स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद वह द्वारका के लिए रवाना हो गए. यहां उन्होंने रामनगर के स्लम इलाके का दौरा किया और स्थिति की जानकारी ली. इसके बाद खंभालिया तालुका मंडल के संगठन और निर्वाचित प्रतिनिधियों से बातचीत की. फिर सोनल में मंदिर के पास बने शेल्टर होम का दौरा किया.
सबसे ज्यादा वडोदरा में बाढ़ का कहर
गुजरात में भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर वडोदरा है. यहां कल तक सड़कें पर लबालब पानी दिखाई दे रहा था. वहीं आज स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है, क्योंकि विश्वामित्री नदी का जलस्तर सुबह 37 फीट से घटकर 32 फीट रह गया है. हालांकि, शहर के कई निचले इलाके अभी भी जलमग्न हैं. भारी बारिश और अजवा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण दो दिन पहले ही विश्वामित्री नदी का जलस्तर 25 फीट के खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था.
PM मोदी ने बाढ़ की स्थिति की ली जानकारी
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि, ”गुजरात में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे फोन किया और स्थिति के बारे में जानकारी ली.’ भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्वामित्री नदी में आई बाढ़ पर चिंता जताई है और वडोदरा के लोगों के लिए राहत और बचाव के उपायों के बारे में भी जाना.
24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर
गुजरात में 140 जलाशय, बांध और 24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. 206 बांधों में से 122 को उनके जलस्तर में तेज वृद्धि के कारण हाई अलर्ट पर रखा गया है. बारिश के कारण सड़क यातायात और ट्रेनों की आवाजाही भी बाधित हुई है, क्योंकि सड़कें और रेलवे लाइन जलमग्न हो गई हैं. पश्चिमी रेलवे के अहमदाबाद मंडल ने कहा कि 48 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, 14 आंशिक रूप से रद्द कर दी गईं और छह को बीच में ही रोक दिया गया है. वहीं 23 ट्रेनों का रूट चेंज किया गया है.
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?