बशीर बद्र

मैं तमाम तारे उठा-उठा के गरीब लोगों में बाँट दूं
कभी एक रात वो आसमाँ का निजाम दे मेरे हाथ में...
-डा.बशीर बद्र
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मैं तमाम तारे उठा-उठा के गरीब लोगों में बाँट दूं
कभी एक रात वो आसमाँ का निजाम दे मेरे हाथ में...
-डा.बशीर बद्र