किताबें
अपनी निजी त्रासदी को भुलाओ। ऐसा सबके साथ होता है और तुम्हें गंभीरता से लिखने के लिए बुरे से बुरा का भुक्तभोगी बनना ही होगा। इतना ज़रूर ख़याल रहे कि जब तुम बुरी तरह आहत हो जाओ, तो वह अनुभव ज़ाया न हो। उसके प्रति एक वैज्ञानिक जैसी निष्ठा रखो।
— हेमिंग्वे
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