समसामयिक
सारस एक ऐसा पक्षी है जो बिना जोड़े या मित्र के बिना रह नहीं सकता है , इस बात को वन विभाग और पक्षी विशेषज्ञ भली भाँति जानते हैं , अगर उनको अलग कर दिया जाय तो अक्सर ये चिल्ला चिल्ला कर अपनी जान तक दे देते हैं ।
अमेठी के आरिफ़ को सारस अपना मित्र मान चुका है और वो बिना आरिफ़ के रह नहीं सकता है । हाँलाँकि सारस प्रदेश का राजकीय पक्षी है उसको बंधक नहीं बनाया जा सकता और आरिफ़ ने इसको बंधक भी नहीं बनाया था
केवल मानवीय सहायता सारस के घायल होने पर उपलब्ध कराई थी और सारस अपनी जान बचाने वाले आरिफ़ से घुल मिल गया और आरिफ़ को अपना मित्र मान लिया ॥
जब घायल सारस अपनी मौत का इंतज़ार कर रहा था तो वन विभाग वाले कहाँ पे थे ? उनको आना चाहिये था । वन विभाग से करबद्ध निवेदन है कि सारस को आरिफ़ को सौप दे , अन्यथा जंगली जानवर उसको मार देंगे..!!????????????????
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