जॉन एलिया(ग़ज़ल)

मार्च 22, 2023 - 02:34
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जॉन एलिया(ग़ज़ल)

ऐश-ए-उम्मीद ही से ख़तरा है

, दिल को अब दिल-दही से ख़तरा है.

जौन' ही तो है 'जौन' के दरपय ,

 'मीर' को 'मीर' ही से ख़तरा है.

अब नहीं कोई बात ख़तरे की ,

अब सभी को सभी से ख़तरा है...!!!

(जौन एलिया)

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