हिन्दी साहित्य

मार्च 24, 2023 - 14:15
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हिन्दी साहित्य

हम सब एक ही समंदर की लहरें हैं, एक ही पेड़ के पत्ते हैं, एक ही बाग़ीचे के फूल हैं. -

सेनेका

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