कविता
Gorakh pandey's poem.
ये आँखें हैं तुम्हारी
तकलीफ़ का उमड़ता हुआ समुन्दर
इस दुनिया को जितनी जल्दी हो
बदल देना चाहिये. ❤
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Gorakh pandey's poem.
ये आँखें हैं तुम्हारी
तकलीफ़ का उमड़ता हुआ समुन्दर
इस दुनिया को जितनी जल्दी हो
बदल देना चाहिये. ❤