कविता

मार्च 31, 2023 - 00:07
मार्च 31, 2023 - 21:26
 0  29
कविता

Gorakh pandey's poem.

ये आँखें हैं तुम्हारी 

तकलीफ़ का उमड़ता हुआ समुन्दर

 इस दुनिया को जितनी जल्दी हो

 बदल देना चाहिये. ❤

आपकी प्रतिक्रिया क्या है?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow