कविता

मार्च 31, 2023 - 15:56
मार्च 31, 2023 - 16:38
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कविता

मैं वो नदी में बदल जाऊं

जो बहती तो नहीं है

 तुम्हारे शहर में

 पर तुम सोचते हो

 उसके किनारों के बारे में

 वह काल्पनिक नदी

 जिसके किनारे तुम आते हो

 मन शांत करने।।

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