कविता
चीज़ों, अनुभवों,
अनुमानों का संभव है स्मारक.
उखड़ी हुई सॉंस
मन पत्थर कर भी
कोई कैसे उकेरे! _____________
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
चीज़ों, अनुभवों,
अनुमानों का संभव है स्मारक.
उखड़ी हुई सॉंस
मन पत्थर कर भी
कोई कैसे उकेरे! _____________