राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने सुनाई 2 साल की सजा, मिली जमानत
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गुजरात की सूरत सेशन कोर्ट ने 'मोदी सरनेम' मामले में उनको दोषी करार दिया। साथ ही दो साल जेल की सजा सुनाई। हालांकि तुरंत उन्हें जमानत दे दी गई। कोर्ट की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी भी मौजूद रहे, वो गुरुवार सुबह दिल्ली से सूरत पहुंचे थे। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए गुजरात पुलिस ने कोर्ट के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। वहां पर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा हुआ है।
दरअसल 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक रैली की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है? ये बयान नीरव मोदी, ललित मोदी को लेकर था, लेकिन बीजेपी नेताओं ने तुरंत इसको मुद्दा बना दिया। गुजरात से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने इसे पूरे मोदी समाज का अपमान बताया और उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाया। जिसको लेकर सूरत कोर्ट में सुनवाई काफी वक्त से चल रही थी। सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया है।
30 दिन की जमानत
सजा सुनने के बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को 30 दिन की जमानत दे दी। इस वक्त में वो परमानेंट बेल का आवेदन कर सकते हैं। साथ ही वो इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं।
पहले भी कोर्ट में हुए थे पेश
2021 में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को समन भेजा था, जिसको बाद वो कोर्ट के सामने पेश हुए और अपना बयान दर्ज करवाया। पिछले हफ्ते मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने सुनवाई पूरी कर ली थी और 23 मार्च को फैसला सुनने की बात कही थी।
पीएम मोदी को होना चाहिए था शिकायतकर्ता?
राहुल गांधी के वकील शुरू से इस मामले की कार्यवाही को त्रुटिपूर्ण बता रहे। उन्होंने कहा कि सीआरपीसी की धारा 202 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन सही ढंग से नहीं हो रहा। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा था, ऐसे में उनको शिकायतकर्ता होना चाहिए था, जबकि याचिका विधायक पूर्णेश मोदी ने दायर की। उनका इस मामले से कोई लेना-देना ही नहीं था। हालांकि कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज कर दिया।
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