मेरे और कई नेताओं के फोन में था 'पेगासस': राहुल गांधी
मेरे और कई नेताओं के फोन में था 'पेगासस'
वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी आजकल यूके के दौरे पर हैं, यहां पर उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में संबोधन भी किया। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि उनके फोन में पेगासस था। राहुल ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें सलाह दी थी कि वह फोन पर संभल कर बात करें क्योंकि उनके फोन में पेगासस है। अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि भारत का लोकतंत्र खतरे में है, भारत में कई नेताओं के फोन में पेगासस था, फोन को रिकॉर्ड किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने यूके यात्रा की 12 तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इन तस्वीरों को शेयर करते हुए राहुल गांधी ने लिखा कैंब्रिज जज बिजनेस स्कूल के छात्रों और फैकल्टी से बात करना अच्छा अनुभव रहा, मैं यहां पर विजिटिंग फेलो था, मैंने यहां पर भाषण दिया, जिसका विषय लर्निंग टू लिसेन इन 21 सेंचुरी। सुनने की कला का जब लगातार अभ्यास किया जाता है तो यह वैश्विक स्तर पर संवाद का सबसे मजबूत माध्यम बनती है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हमने इसे काफी महसूस किया।
राहुल गांधी ने कहा कि हम लोग लगातार दबाव महसूस कर रहे हैं, विपक्ष के नेताओं पर केस किए जा रहे हैं। मेरे ऊपर भई कई केस हैं, इस तरह के केस दर्ज किए गए हैं जो बनते ही नहीं है, लेकिन इन सब के बीच हम अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल ने कहा कि लोगों को सुनने की कला पर फोकस करना चाहिए। हमे दुनियाभर में लोकतांत्रिक माहौल को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जिस तरह से अमेरिका और भारत में मैन्युफैक्चरिंग कम हुई है उसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है, इससे लोगों में नाराजगी बढ़ी है, असमानता बढ़ी है, हमे इसपर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
भारतीय लोकतंत्र दुनिया का सबसे लोकतंत्र है, लिहाजा इसे बचाने की बहुत ज्यादा जरूरत है, यह सिर्फ भारत को बचाने की बात नहीं है बल्कि दुनियाभर में लोकतंत्र के ढांचे को बचाने की बात है। राहुल ने कहा कि हर कोई जानता है कि भारतीय लोकतंत्र दबाव में है। भारत के मौलिक लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला हो रहा है। देश की मीडिया पर हमला हो रहा है। यही नहीं राहुल ने कहा कि मीडिया, न्यायपालिका को नियंत्रित कर लिया गया है।
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि हमने यात्रा की शुरुआत की, जिसकी शुरुआत महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ शुरू की थी, जिसे दांडी यात्रा के नाम से जाना जाता है। भारत जोड़ो यात्रा सिर्फ यात्रा नहीं थी बल्कि यह ऐसी यात्रा थी जिसके जरिए लोगों को सुनना था। हमने इस यात्रा को कन्याकुमारी से श्रीनगर तक साढ़े चार महीने तक 14 राज्यों में किया।
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