ग़ज़ल

मार्च 31, 2023 - 01:42
मार्च 31, 2023 - 09:12
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ग़ज़ल
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इश्क गुनाह है की इल्जाम जाने क्या है

संगेदिल में खुदा है एक नाम जाने क्या है

 तमाशा यूं भी होता है रोज शबे तन्हाई में

 दिल में है गम का एहतराम जाने क्या है

पुरनूर थी इबादत मोहब्बत भी चली आई

 दिल की शिद्दत का अंजाम जाने क्या है

MeeraMishra

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