शेर 163
ज़माने भर को है उम्मीद उसी से
वो ना-उम्मीद ऐसा कर रहा है
-ज़हीर रहमती
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
ज़माने भर को है उम्मीद उसी से
वो ना-उम्मीद ऐसा कर रहा है
-ज़हीर रहमती