शेर
अजब इक तौर है जो हम सितम ईजाद रखें
कि न उस शख़्स को भूलें न उसे याद रखें
अहद इस कूचा-ए-दिल से है सो उस कूचे में है
कोई अपनी जगह हम जिसे बरबाद रखें
क्या कहें कितने ही नुक्ते हैं जो बरते न गए
ख़ुश-बदन इश्क़ करें और हमें उस्ताद रखें
जौन_एलिया
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