शेर (मीर)
                                दीवान-ए-मीर
पढ़ते फिरेंगे गलियों में इन रेख्तों के लोग,
मुद्दत रहेंगी याद ये बातें हमारियां।
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                                दीवान-ए-मीर
पढ़ते फिरेंगे गलियों में इन रेख्तों के लोग,
मुद्दत रहेंगी याद ये बातें हमारियां।