अनुवादित कविता ( अकेला/अकेलापन)

अप्रैल 3, 2023 - 05:08
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अनुवादित कविता ( अकेला/अकेलापन)

जो नहीं रहते अकेले

जान ही नहीं सकते कभी

कि कैसे ख़ामोशी से पैदा होता है डर,

 कैसे बातें करता है कोई ख़ुद से

और भागता फिरता है आइनों के बीच

एक ज़िंदा शख़्स की तलाश में

समझ ही नहीं सकते वे सचमुच

~ओरहान वेली 

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल

Lonely- Loneliness -orhanveli

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