हेमंत सोरेन की बरहेट से बीजेपी क्यों नहीं उतार रही उम्मीदवार?
हेमंत सोरेन की बरहेट विधानसभा सीट से पहले बीजेपी लुईस मरांडी को उतारना चाह रही थी, लेकिन लुईस नामांकन शुरू होते ही हेमंत की पार्टी में चली गईं. बीजेपी अब बरहेट में नो रिस्क मोड पर आगे बढ़ रही है.
झारखंड की 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही बीजेपी ने 66 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. जिन 2 सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, उनमें धनबाद की टुंडी और साहेबगंज की बरहेट सीट शामिल है. टुंडी को लेकर कहा जा रहा है कि सहयोगी जनता दल यूनाइटेड और आजसू यहां दावा कर रही है, इसलिए बीजेपी उम्मीदवार घोषित करने से यहां बच रही है.
हालांकि, साहेबगंज सीट को लेकर पार्टी के भीतर सन्नाटा है. बीजेपी के बड़े नेता इस सीट पर उम्मीदवार उतारने को लेकर सिर्फ एक ही जवाब दे रहे हैं- इंतजार कीजिए. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर बीजेपी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बरहेट में सबसे आखिर में उम्मीदवार क्यों उतार रही है?
बरहेट में उम्मीदवार उतारने में देरी क्यों?
बरहेट पर बीजेपी पहले दुमका से चुनाव लड़ने वाली लुईस मरांडी पर दांव लगाना चाहती थी, लेकिन लुईस ने वहां लड़ने से इनकार कर दिया. लुईस का कहना था कि मैंने दुमका में ग्राउंड तैयार किया है तो मैं बरहेट क्यों जाऊंगी. हालांकि, लुईस को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जामा से टिकट दिया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जामा जाने वाली लुईस आखिर बरहेट क्यों नहीं गई?
वहीं लुईस के झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होने के बाद बीजेपी फिलहाल नो रिस्क मोड में है. कहा जा रहा है कि बीजेपी को डर है कि अगर किसी को हेमंत के खिलाफ उम्मीदवार बनाया गया और समय रहते उसने लुईस की तरह पाला बदल लिया, तो उससे बीजेपी की किरकिरी हो सकती है.
जेएमएम चुनाव से पहले ही इसे विक्ट्री के तौर पर प्रोजेक्ट कर सकती है. वैसे भी बरहेट में 29 नंवबर तक नामांकन दाखिल होना है, इसलिए बीजेपी यहां उम्मीदवार घोषित करने में जल्दबाजी नहीं कर रही है.
नहीं देना चाहती है वॉकओवर का संदेश देना
2019 में बीजेपी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ सिमोन माल्तो और 2014 में हेमलाल मुर्मू को मैदान में उतार था. हेमलाल मुर्मू वर्तमान में हेमंत सोरेन के साथ हैं. सिमोन माल्तो जरूर इस बार ताल ठोकने के लिए तैयार हैं. हालांकि, पिछले चुनाव में माल्तो हेमंत से 25 हजार वोटों से हार गए थे.
बीजेपी नहीं चाह रही है कि इस बार ऐसे किसी उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाए, जिससे यह संदेश लोगों के बीच चला जाए कि बरहेट में हेमंत को वॉकओवर मिल गया है.
जेएमएम कस रही तंज, बीजेपी में चुप्पी
बरहेट से उम्मीदवार उतारने में देरी पर झारखंड मुक्ति मोर्चा जमकर बीजेपी पर तंज कस रही है. पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि यहां से बाबू लाल मरांडी को ही बीजेपी उतार दे, तभी कुछ बात बन सकती है.
झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी वर्तमान में गिरिडिह की धनवार सीट से प्रत्याशी हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा का कहना है कि चुनाव से पहले ही बीजेपी हार मान गई है, इसलिए हेमंत के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतार रही है.
वहीं पूरे मसले पर बरहेट से पूर्व प्रत्याशी सिमोन माल्तो का कहना है कि पार्टी जल्द ही फैसला करेगी. पत्रकारों से बात करते हुए माल्तो ने कहा है कि देरी तो हो रही है, लेकिन पार्टी ठोस फैसला लेगी.
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