पति ने पढ़ाकर पत्नी को बनाया आशाबहू; छोड़कर अब प्रधान को अपनाया

बहगांव निवासी किसान कालीचरण ने बताया कि वर्ष 2008 में उसकी शादी गांव की ही एक लड़की से हुई थी। उनकी दो पुत्रियां भी हैं। शादी के बाद उसने अपनी पत्नी को इंटर व ग्रेजुएशन करा कर 2018 में आशा बहू बनवाया। अब उसकी पत्नी सरीला तहसील के एक गांव के प्रधान के साथ रह रही है।

जुलाई 16, 2023 - 13:38
 0  23
पति ने पढ़ाकर पत्नी को बनाया आशाबहू; छोड़कर अब प्रधान को अपनाया

अभी ज्योति मोर्या का मामला थमा नही था कि जिले के कस्बा राठ में ऐसा ही एक मामला संज्ञान में आया है। जिसमें पति द्वारा पढ़ाई कराने के बाद आशाबहू बनी पत्नी ने उसका साथ छोड़कर ग्राम प्रधान को अपना लिया है। पति ने प्रधान के साथ अपनी पत्नी की फोटो वायरल करते हुए कोतवाली में प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।

कोतवाली के बहगांव निवासी किसान कालीचरण ने बताया कि वर्ष 2008 में उसकी शादी गांव की ही एक लड़की से हुई थी। उनकी दो पुत्रियां भी हैं। शादी के बाद उसने अपनी पत्नी को इंटर व ग्रेजुएशन करा कर 2018 में आशा बहू बनवाया। अब उसकी पत्नी सरीला तहसील के एक गांव के प्रधान के साथ रह रही है। जबकि उसका व उसकी पत्नी का कोई तलाक भी नहीं हुआ है। उसके साथ नहीं रहती है।

अधिकारियों से शिकायत करने ग्राम प्रधान और उसकी पत्नी उसे जान से मारने और फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी देती है और कहती है की तुम्हारे जैसे किसान और मजदूर के साथ कौन रहेगा। कोतवाल संजय सिंह ने बताया कि दोनो के बीच का मामला न्यायालय में चल रहा है।

इस मामले में आशा बहू ने बताया कि मामला कोर्ट में चल रहा है। दोनों पक्ष से नोटरी में पारिवारिक दोनों पक्ष बैठकर तहसीलदार के सामने बयान हुए। दोनों बच्चियां मां के पास है। जो उसके पहले पति ने आरोप लगाया है वह गलत हैं।

नोटरी में दोनों पक्षों के हस्ताक्षर हैं। एक वर्ष उसने बृजरानी में कार्य किया है। जिसके मालिक धनपत सिंह है और उसके बड़े बेटे डा.वीरेंद्र सिंह है। उन्होंने ही शैलेंद्र सिंह के साथ शादी कराई थी। शादी के 20 दिन बाद हास्पिटल से निकाल दिया था। आशाबहू ने आरोप लगाया कि फोन पर धमकी दी थी कि राठ छोड़ दें। इसी कारण उन्होंने यह सब षड़यंत्र रचा है।

आपकी प्रतिक्रिया क्या है?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow