‘कर्नाटक की जीत का मतलब लोकसभा चुनाव में जीत नहीं है, 2018 को याद रखे पार्टी’- शशि थरूर
कांग्रेस सांसद ने कहा कि पार्टी को यह नहीं समझना चाहिए कि राज्य में सफलता का मतलब लोकसभा चुनाव में सफलता है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर का कहना है कि कर्नाटक में भाजपा को हराने के बाद कांग्रेस को बहुत ज़्यादा खुश नहीं होना चाहिए क्योंकि राज्य और राष्ट्रीय चुनावों के बीच मतदाता अपना मन बदल सकते हैं।
उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए पिछले साल राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों में जीत के बाद 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन का हवाला भी दिया है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि पार्टी को यह नहीं समझना चाहिए कि राज्य में सफलता का मतलब लोकसभा चुनाव में सफलता है।
शशि थरूर ने अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और आलाकमान को चेताया है कि हमें ज़्यादा खुश होने के बजाय काम करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके पीछे उन्होने 2018 का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि उस वक्त हम न केवल कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आए थे बल्कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी जीत हासिल की थी। और फिर जब उन्हीं राज्यों में लोकसभा चुनाव आए, तो बीजेपी ने हमें हरा दिया। तो अगर राज्य के चुनावों और राष्ट्रीय चुनावों के बीच मतदाता कुछ ही महीनों में अपना व्यवहार बदल सकते हैं, तो हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम खुद में खुश होकर ना बैठें।
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