शराब घोटाला केस: मनीष सिसोदिया को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका, ED और CBI दोनों मामलों में जमानत याचिका खारिज
दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. इससे पहले निचली अदालत जमानत याचिका खारिज कर चुकी है. करीब 15 महीने से वो तिहाड़ में बंद हैं.
दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने दूसरी बार जमानत याचिका खारिज की है. सिसोदिया ने ट्रायल में देरी होने के आधार पर जमानत मांगी थी. अब वो सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर करेंगे. इससे पहले निचली अदालत उनकी जमानत याचिका खारिज कर चुकी है.
सीबीआई और ईडी ने अगस्त 2022 को सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज किया था. सीबीआई ने उनको पिछले साल 26 फरवरी 2023 को अरेस्ट किया और दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया. जहां से कोर्ट ने पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा. कोर्ट ने चार मार्च को दो दिन और उनकी हिरासत बढ़ा दी. सात मार्च को ईडी ने सिसोदिया से करीब छह घंटे तक पूछताछ की थी.
हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लगाई अर्जी
इसके बाद 9 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ये एक्शन लिया था. 28 फरवरी को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. जमानत के लिए उन्होंने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अर्जी लगाई. मगर, याचिका खारिज होती गईं.
मार्च में ट्रायल कोर्ट में दाखिल की थी जमानत याचिका
तीन मई को सिसोदिया जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे. यहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई. इसके बाद चार अगस्त को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां, सुनवाई की तारीख 5 सितंबर रखी गई लेकिन उस दिन सुनवाई टल गई. फिर शीर्ष अदालत ने 30 अक्टूबर को जमानत याचिका खारिज कर दी.
मार्च 2024 में सिसोदिया ने ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी. 2 अप्रैल को सुनवाई हुई. इस दौरान उनके वकील ने कहा था कि सिसोदिया के पास से ईडी को अब तक कुछ हाथ नहीं लगा है. जांच पूरी हुए 10 महीने से अधिक हो गए हैं. इसके बाद कोर्ट ने ईडी से कहा पूछा था, अभी तक दस्तावेजों की जांच पूरी क्यों नहीं हुई है? कितना समय लगेगा? इस पर ईडी ने कोर्ट को बताया था कि एक महीने का समय और लगेगा.
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