मौलाना तौकीर रजा ने कहा - 'हिंदू राष्ट्र की मांग पर हो सख्ती, नहीं तो मुस्लिम राष्ट्र की उठ सकती है मांग'
मौलाना तौकीर रजा ने कहा है हिंदू राष्ट्र की मांग पर हो सख्ती, ऐसा नहीं होने पर मुस्लिम राष्ट्र की उठ सकती है मांग
मौलाना तौकीर रजा फिर अपनी जहरीली जुबान के कारण सुर्खियों में हैं। उन्होंने हिंदू राष्ट्र की मांग पर सख्ती लगाने को कहा है। साथ ही चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं हुआ तो मुस्लिम राष्ट्र की मांग उठेगी। उन्होंने इस आधार पर खालिस्तान की मांग उठाने वालों का भी पक्ष लिया है। रजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में खूब अनाप-शनाप बोला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ही उम्मीद की एक किरण बताया है। तौकीर रजा के इस बयान के बाद रविवार को ट्विटर पर 'मुस्लिम राष्ट्र' ट्रेंड होने लगा। यह पहला मौका नहीं है जब मौलाना तौकीर रजा ने विवादित बयान दिया है। वह ऐसा करते रहे हैं। तौकीर रजा पीएम मोदी को भारत का धृतराष्ट्र बता चुके हैं। भड़काऊ भाषण देने के लिए वह जाने जाते हैं।
तौकीर रजा ने जिन्ना की जुबान बोली है। उन्होंने कहा है कि हिंदू राष्ट्र की मांग पर सख्ती लगाने की जरूरत है। ऐसा नहीं होने पर मुस्लिम राष्ट्र की मांग उठेगी। मुस्लिम नेता ने यह भी कहा है कि अगर हिंदू राष्ट्र की मांग सही है तो खालिस्तान की मांग करने वालों पर मुकदमे क्यों चलाए जाते हैं। हिंदू राष्ट्र की मांग करने वालों की गिरफ्तारी क्यों नहीं होती है। ऐसा न हो कि हिंदू राष्ट्र की चाहत रखने वालों के कारण कल मुस्लिम नौजवान मुस्लिम राष्ट्र की बात करने लगे। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह ऐसा नहीं होने देंगे। मुल्क का एक और बंटवारा किसी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा।
तौकीर रजा वही हैं जिन्होंने बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धृतराष्ट्र बताया था। यह तब की बात है जब जहांगीरपुरी और देश के अन्य इलाकों में बुलडोजर चले थे। वह बोले थे कि मोदी महाभारत के धृतराष्ट्र हैं। अगर उनका रवैया नहीं बदला तो फिर महाभारत होने से कोई रोक नहीं सकता है। वह यह भी बोले थे कि मुसलमान सड़कों पर उतर आया तो कब्जे में नहीं आएगा।
मौलाना तौकीर रजा मुस्लिमों के धार्मिक नेता हैं। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के वह अध्यक्ष हैं। तौकीर रजा उत्तर प्रदेश के बरेली में रहते हैं। वह आला हजरत के खानदान से आते हैं। इस्लामिक दुनिया में उनका बहुत सम्मान है। आला हजरत ने ही इस्लाम धर्म के सुन्नी बरेलवी मसलक की शुरुआत की थी। मुस्लिमों का एक बड़ा वर्ग इस मसलक को फॉलो करता है। इसी के चलते इन्हें बरेलवी मुसलमान बोला जाता है। तौकीर रजा अहमद रजा खान के पोते हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से संबंध तोड़ने के बाद वह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Jaded) का नेतृत्व करते हैं। देवबंदी मुसलमानों से मतभेद के बाद ऐसा किया गया था। उनके दादा अहमद रजा खान बरेलवी आंदोलन के संस्थापक थे। तौकीर रजा के बड़े भाई सुभान रजा खान दरगाह-ए-आला हजरत की गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन हैं। मौलाना तौकीर रजा सक्रिय राजनीति में आने वाले इस खानदान के पहले नेता हैं।
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