मेरी बात
बेइंतहां उदासियों में घिरके
चाहता हूं,
अपनी बांहों में खुद को समेटकर सो जाऊं.
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
बेइंतहां उदासियों में घिरके
चाहता हूं,
अपनी बांहों में खुद को समेटकर सो जाऊं.