शेर
उदासी,ख़ामुशी,आँसू,तबस्सुम
ये ग़म कितनी ज़बानें जानता है !
- राजेश रेड्डी
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उदासी,ख़ामुशी,आँसू,तबस्सुम
ये ग़म कितनी ज़बानें जानता है !
- राजेश रेड्डी