शेर 160
कौन है जो हर लम्हा सूरतें बदलता है
मैं किसे समझने के मरहलों में ज़िंदा हूँ...
नज्मुस्साक़िब
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
कौन है जो हर लम्हा सूरतें बदलता है
मैं किसे समझने के मरहलों में ज़िंदा हूँ...
नज्मुस्साक़िब