रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है। 500 वर्षों से अधिक का इंतजार खत्म हो गया है। रामलला राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है। 500 वर्षों से अधिक का इंतजार खत्म हो गया है। रामलला राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्राण प्रतिष्ठा हुई।
रामलला राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में पीएम मोदी, संघ प्रमुख भागवत और सीएम योगी यजमान बने।
श्री राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि राम मंदिर के लिए देशभर से दोनों हाथों से दान किया है। देश का ऐसा कोई कोना नहीं रहा है जहां से राम के लिए उपहार ना आए हों। एक बानगी गिनाते हुए उन्होंने कहा कि मंदिर के लिए घंटा कासगंज से आया तो नीचे पड़ने वाली राख रायबरेली के ऊंचाहार से आई है। गिट्टी मध्य प्रदेश के छतरपुर से पहुंची तो ग्रेनाइट तेलांगाना से आया है। पत्थर राजस्थान के भरतपुर से पहुंचे तो दरवाजों की लकड़ी महाराष्ट से। उस दरवाजे पर पर सोने और डायमंड का काम मुंबई के एक व्यापारी का है। पत्थर कर्नाटक का है। जिन्होंने बनाया वो मैसूर के हैं। गरुण की मूर्ति राजस्थान के कलाकार ने बनाई है। लकड़ी के काम के कारीगर कन्याकुमारी के हैं और कपड़े और भगवान के वस्त्र दिल्ली के एक युवक मनीष त्रिपाठी ने बनाए। आभूषण लखनऊ से बनवाए गए हैं। इनकी नक्काशी राजस्थान में हुई है। देश का ऐसा कोई कोना नहीं है जहां से राम मंदिर के लिए समर्पण ना आया हो।
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