Uddhav Thackeray को झटका! वेबसाइट हुई डिलीट, ट्विटर ने भी वापस लिया ब्लू टिक
चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिवसेना पर अधिकार और चुनाव चिन्ह दोनों खो चुके महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुश्किलें फिलहाल कम होती हुई नजर नहीं आ रही हैं। उद्धव ठाकरे को अब एक और डबल झटका लगा है। दरअसल, शिवसेना की वेबसाइट shivsena.in को डिलीट कर दिया गया है। इसके अलावा ट्विटर पर पार्टी का नाम शिवसेना से बदलकर 'शिवसेना- उद्धव बालासाहेब ठाकरे' किया गया, जिसकी वजह से उनके ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हट गया है।
EC के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे उद्धव ठाकरे वहीं, दूसरी तरफ चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सोमवार को उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में चुनाव आयोग के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें पार्टी के नाम 'शिवसेना' और चुनाव चिन्ह 'धनुष और बाण' पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंद का हक बताया गया है। उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की, कि चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई हो, लेकिन कोर्ट ने कहा कि वो 21 फरवरी को इस मामले को लेकर आएं।
आर या पार के मूड में उद्धव ठाकरे खेमा इसके अलावा पार्टी की तरफ से सांसद अनिल देसाई के नेतृत्व में एक टीम भी बनाई गई है, जो इस मामले पर अन्य कानूनी विकल्प तलाश रही है। उद्धव ठाकरे गुट इस मुद्दे को लेकर आर या पार के मूड में नजर आ रहा है। दरअसल, उद्धव ठाकरे गुट की कोशिश है कि सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे और 15 अन्य बागी विधायकों की अयोग्यता को लेकर दाखिल याचिका के साथ इस नए मामले को जोड़कर चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगवाई जाए।
'शिवसेना एक आग है, जो बुझने वाली नहीं' सोमवार को पार्टी के सांसद संजय राउत ने भी इस मामले पर भाजपा और केंद्र सरकार को घेरा। संजय राउत ने कहा, 'अगर आप शिवसेना को खरीदकर और तोड़कर हमारा मजाक उड़ा रहे हैं तो इसका क्या मतलब है? शिवसेना खत्म नहीं होगी। शिवसेना एक चिंगारी है, एक आग है, जो बुझने वाली नहीं है। शिवसेना को तोड़ने के लिए सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। शिवसेना महाराष्ट्र का आत्म सम्मान और गौरव है। बाला साहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र के आत्म सम्मान के लिए ही शिवसेना का गठन किया था।'
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