ISIS के खिलाफ एकजुट US और तालिबान
अमेरिकी अफसर ने कहा- दोनों का टारगेट एक, मिलकर काम करने में कोई बुराई नहीं
                                आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ तालिबान और अमेरिका मिलकर काम कर रहे हैं। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने काबुल के साथ ही पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था।
इसके बाद ISIS ने वहां लगातार हमले किए हैं। अफगानिस्तान से लौटते वक्त अमेरिकी सैनिकों पर जो फिदायीन हमला हुआ था, वो भी ISIS ने ही किया था। हाल ही में पेंटागन की जो रिपोर्ट लीक हुई थी, उसमें भी इस बात का जिक्र था कि अफगानिस्तान ISIS- खुरासान ग्रुप का नया अड्डा बन गया है।
‘वॉशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद उसके सामने सबसे बड़ी मुश्किल ISIS ही है। उसने वहां सैकड़ों लोगों की जान ली है। इसके अलावा यह आतंकी संगठन अमेरिका के लिए भी बड़ा खतरा बन चुका है। यही वजह है कि अमेरिका ने इस खतरे से निपटने के लिए तालिबान को मदद दी है। दोनों ISIS के खिलाफ मिलकर काम कर रहे हैं। इस मामले में तालिबान सरकार अमेरिका की पूरी मदद कर रही है।
रिपोर्ट में एक अमेरिकी अफसर के हवाले से कहा गया- तालिबान के सामने इस्लामिक स्टेट खुरासान ग्रुप बहुत बड़ा खतरा है। जब से अमेरिकी फौज ने वहां से वापसी की है, तब से हालात बदल गए हैं। ISIS ज्यादा ताकतवर हो चुका है। वो वहां माइनॉरिटीज की जान ले रहा है। तालिबान भी खुरासान ग्रुप के खिलाफ लगातार ऑपरेशन कर रहे हैं।
इस अफसर ने आगे कहा- हम ये तो नहीं कहेंगे कि तालिबान जैसे ग्रुप के साथ काम करना कितना फायदेमंद होगा, लेकिन ये भी सच है कि तालिबान ने ISIS के खिलाफ बड़े ऑपरेशन्स किए हैं। यह भले ही थोड़ा अजीब लगे, लेकिन इससे अमेरिका और अफगानिस्तान दोनों को फायदा है।
अमेरिका को खुफिया जानकारी मिली थी कि पिछले साल वर्ल्ड कप फुटबॉल टूर्नामेंट के दौरान भी आतंकी हमले का खतरा था। अमेरिकी चर्चों, एम्बेसीज के अलावा बिजनेस सेंटर्स भी ISIS के निशाने पर थे। इस साल 15 फरवरी के बाद ISIS के हमले बढ़े हैं।
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