उज्बेकिस्तान कफ सिरप मौत मामले में नोएडा की दवा कंपनी के तीन कर्मचारी गिरफ्तार
उज्बेकिस्तान राज्य सुरक्षा सेवा ने दावा करते हुए कहा था कि भारतीय दवा निर्माता मैरियन बायोटेक द्वारा बनाई गई खांसी की दवाई के सेवन से 19 बच्चों की मौत हुई है। अब इस मामले में भारत में भी कार्रवाई की गई है।
उज्बेकिस्तान में पिछले साल कफ सिरप से 19 बच्चों की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित एक फार्मा फर्म के तीन कर्मचारियों को आज गिरफ्तार कर लिया गया। मैरियन बायोटेक के दो निदेशकों सहित पांच अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद ये गिरफ्तारियां की गईं। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के एक ड्रग इंस्पेक्टर की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बताया जा रहा है कि कंपनी का मालिक फरार चल रहा है।
उज्बेकिस्तान गणराज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पाया कि दोनों उत्पादों में अस्वीकार्य मात्रा में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल प्रदूषक के रूप में पाए गए हैं। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल का सेवन करने पर मनुष्य के लिए जहरीला होता है और घातक साबित हो सकता है।
बता दें कि इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी उत्तर प्रदेश के नोएडा में मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित एंब्रोनोल और डॉक-1 मैक्स सिरप को लेकर एक अलर्ट जारी किया था।। आज तक, कथित निर्माता ने सुरक्षा पर डब्ल्यूएचओ को गारंटी प्रदान नहीं की है और इन उत्पादों की गुणवत्ता पर हमेशा से गंभीर सवाल उठते रहे हैं।
उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सेक्टर-67 स्थित दवा फर्म मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया था। दवा रिकॉर्ड मेंटनेंस के अलावा रॉ मैटेरियल खरीद की जानकारी समय में अनियमितता के चलते लाइसेंस निलंबित किया गया था।
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