लखनऊ मनकामेश्वर मंदिर के आसपास की दुकानों से भक्तों ने फूल और प्रसाद खरीदना बंद किया
होलिका दहन को लेकर मनकामेश्वर महादेव के बाहर हुए बड़े बवाल के बाद मंदिर की महिला महंतदेव्यागिरी ने गुरुवार को भक्तों से मंदिरके आसपास फूलवालों और मिठाई की दुकानों से भक्तों को कुछ भी खरीदने से साफ मना करते हुए एक फरमान जारी किया था|
मनकामेश्वर मंदिर के बाहर 50 से ज्यादा दुकानें फूल और मिठाई की हैं. जहां से मंदिर में दर्शन करने के लिए जाने वाले भक्त प्रसाद और फूल लेते हैं. शुक्रवार को यहां की अधिकतर दुकानें बंद रहीं. जो खुली थीं वहां से भी एक दो भक्त ही फूल और प्रसाद खरीदते हुए नजर आए. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि होलिका दहन को लेकर मनकामेश्वर महादेव के बाहर हुए बड़े बवाल के बाद मंदिर की महिला महंतदेव्यागिरी ने गुरुवार को भक्तों से मंदिरके आसपास फूलवालों और मिठाई की दुकानों से भक्तों को कुछ भी खरीदने से साफ मना करते हुए एक फरमान जारी किया था.
शुक्रवार को मंदिर के आसपास के हालात को जानने के लिए मंदिर पहुंची और यहां की महिला महंत देव्यागिरी से खास बातचीत की तो उन्होंने बताया कि होलिका दहन को लेकर पहले ही मंदिर परिसर के लोग और बाहर के व्यापारियों और मोहल्ले के सभी लोगों के साथ बैठक हो चुकी थी. सहमति बन गई थी कि 7 और 8 को होलिका दहन का कोई भी शुभ मुहूर्त शास्त्रों के अनुसार नहीं है. ऐसे में 6 तारीख को ही होलिका दहन होगी.
उन्होंने बताया कि एक बार जब उन्होंने होलिका दहन कर दिया. इसके बावजूद आसपास के लोग उसी होलिका दहन के पास दोबारा लकड़ी लगाकर होलिका दहन करना चाह रहे थे. जोकि पूरी तरह से शास्त्रों के अनुसार गलत था. लकड़ियों को ऐसे सजाया गया था जैसे शमशान की लकड़ियां रखी गई हो. इसका जब उन्होंने और मंदिर के दूसरे सदस्यों ने विरोध किया तो आसपास के व्यापारी खासतौर पर जो फूल बेचते हैं जो यहां पर मिठाई बेचते हैं. उन्होंने महिलाओं के साथ गाली गलौज की, मारने के लिए डंडे मंगाने लगे, यहां तक कहा कि मंदिर के लोगों को बाहर निकालो मंदिर को बम से उड़ा देंगे.
इसके अलावा उनकी शिष्य पर हमला भी हुआ. इन्हीं सब को देखते हुए उन्होंने यह फरमान जारी किया है कि ऐसे लोगों को सबक सिखाना बहुत जरूरी है. ऐसे में भक्त अगर इनके पास से फूल और प्रसाद लेना बंद कर देंगे तो सही मायनों में यही मंदिर के साथ न्याय होगा क्योंकि इन लोगों ने मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी देने के साथ ही महादेव को अपशब्द कहे. सभी ने शराब पी रखी थी.
महंत ने बताया कि उन्हें मंदिर की सुरक्षा की चिंता सता रही है क्योंकि आस पास अभी भी वही लोग हैं. जो इस बड़े बवाल में शामिल थे. ऐसे में यहां पर दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों को कोई दिक्कतों का सामना न करना पड़े. इसलिए उनकी प्रशासन से यही मांग है कि मंदिर की सुरक्षा को बढ़ाया जाए.
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?