यूपी में शुरु हुआ अपराधियों को 'मिट्टी में मिलाने' का काम अतीक के गुर्गो पर ताबड़तोड़ एक्शन
उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों पर शिकंजा कसता जा रहा है. एक तरफ बुलडोजर की कार्रवाई हो रही है तो दूसरी तरफ आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है. उमेश पाल हत्याकांड को लेकर पुलिस की एक टीम ने लखनऊ के महानगर इलाके में स्थित यूनिवर्सल अपार्टमेंट में पूर्व सांसद अतीक अहमद के फ्लैट पर छापा मारा.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में विधायक राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल आरोपियों को मिट्टी में मिलाने का काम पुलिस ने सोमवार की दोपहर से शुरू कर दिया है। उमेश पाल की हत्या में चिन्हित एक बदमाश अरबाज नेहरू पार्क इलाके में पुलिस से हुई मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस, एसटीएफ और एसओजी की दस से ज्यादा टीमें इस हत्याकांड में शामिल आरोपियों की धर-पकड़ में जुटी हुई हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही कुछ और अपराधियों को 'मिट्टी में मिलाने' के काम को अंजाम दिया जायेगा, क्योंकि उमेश हत्याकांड सीएम योगी आदित्यनाथ के लिये भी सीधी चुनौती माना रहा था।
दरअसल, बेहतर कानून-व्यवस्था और अपराधियों में पुलिस का खौफ, यही बीते पांच सालों में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की यूएसपी थी। इसी यूएसपी के दम पर योगी आदित्यनाथ ने बाहरी-भीतरी घेरेबंदी को ध्वस्त करते हुए 37 साल बाद मौजूदा सरकार की वापसी कराने का इतिहास रचा था। योगी ने बुलडोजर के जरिए अपराधियों का आर्थिक साम्राज्य ध्वस्त किया था। परंतु, 24 फरवरी की शाम को प्रयागराज में जो कुछ हुआ वह योगी आदित्यनाथ के इसी यूएसपी को सरेआम बम और गोलियां बरसाकर छलनी करने जैसा था। जिस तरह से 2005 में विधायक राजू पाल को अतीक अहमद के गुण्डों ने सरेआम गोलियों से छलनी कर दिया था, कुछ उसी तरह उसकी हत्या के आखिरी जीवित गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गयी। यह सीधे तौर पर सरकार और पुलिस के इकबाल पर सवालिया निशान लगाने का प्रयास हुआ। यह काम भी उस अतीक अहमद गैंग ने किया, जिसकी कमर तोड़ने का दावा सरकार और पुलिस करती रही है।
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