कथाकार

मार्च 21, 2023 - 01:14
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कथाकार

मुझे कभी-कभी यह सोचकर बडा अचरज होता है कि जो चीज़ें हमे अपनी ज़िन्दगी को पकडने में मदद देती है, वे चीज़ें हमारी पकड के बाहर है। हम न उनके बारे में कुछ सोच सकते हैं, न दूसरों को बता सकते हैं।

~ निर्मल वर्मा, धूप का एक टुकडा

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