कविता
"प्रिय!
तुम्हारी सोहबत में
जब से सीखा है मैंने
आँखों को पढ़ना
सच कहूँ-
दुनिया बेहद उदास दिखने लगी है..."
Gaurav Bharti
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
"प्रिय!
तुम्हारी सोहबत में
जब से सीखा है मैंने
आँखों को पढ़ना
सच कहूँ-
दुनिया बेहद उदास दिखने लगी है..."
Gaurav Bharti