कांग्रेस और नई राजनीति

अप्रैल 12, 2023 - 10:52
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कांग्रेस और नई राजनीति

कांग्रेस को "सचिन"चाहिए...????????????????

2019 के चुनाव की शर्मनाक हार के बाद योगेंद्र यादव और इतिहासकार रामचन्द्र गुहा के कहा कि अब कांग्रेस को खत्म कर देना चाहिए और पूरे विपक्ष को मिलकर एक नई पार्टी बनाकर देश को एक नया विकल्प देना चाहिए क्योंकि कांग्रेस अपनी भूमिका निभाने में असफल रही है !!!

 तो क्या कांग्रेस को वाकई समाप्त कर देना चाहिए ?? मेरा जवाब पहले की तरह "ना" है मेरा हमेशा मानना है कि भारत को समझना है तो राजनीति, क्रिकेट और फिल्मों को समझना होगा तीनो ही चीजो में किसी को जब तक खत्म नही माना जा सकता , तब तक कि उसमें प्रतिभा शेष हो तो क्या कांग्रेस में प्रतिभा की खत्म हो गई है तो मेरा जवाब फिर "ना' है 1989 भारत का क्रिकेट पुराने ढर्रे पर चल रहा था 1987 का विश्वकप हारने के बाद भारत का मनोबल बहुत कम हो गया था पाकिस्तान उसे लगातार हरा रहा था उसमें ऊर्जा और आक्रमकता की कमी हो गई थी वो आधुनिक क्रिकेट की आवश्यकता को पूरा नहीं कर पा रहा था औऱ हार पर हार झेले जा रहा था

ऐसे मैं उदय होता है सचिन रमेश तेंदुलकर का जो मृतप्राय भारतीय क्रिकेट में नई जान फूंक देते है औऱ भारत की क्रिकेट का नया इतिहास लिखते है आज कांग्रेस भी 1989 के स्थिति में है 1989 का चुनाव हारने के बाद कांग्रेस कभी भी अपनी पुरानी स्थिति को हासिल नही कर पाई औऱ स्वयं के बलबूते पर सरकार नही बना पाई आज तो वो एक रिजनल पार्टी की तरह अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है कांग्रेस को भी एक ऊर्जावान और आक्रमक "सचिन" चाहिए जो इस डूबते हुए जहाज का "पायलट" बनकर इसे वापिस अपनी मंजिल तक पहुंचा पाए

 ???????????????? 2013 के राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस धूल धूसरित हो गई थी उसे केवल 21 सीट मिली थी 2014 के लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नही मिली खुद सचिन पायलट चुनाव हार गए थे तब राहुल गांधी ने प्रदेश की कमान सचिन पायलट को सौंप दी थी सचिन ने सबकुछ छोड़कर जमीन पर संघर्ष किया और 4 साल में कांग्रेस को राजस्थान में जिंदा कर दिया और सत्ता में वापसी कराई लेकिन दरबारियों के कारण वो मुख्यमंत्री नही बन पाए और कांग्रेस का लोकसभा चुनाव में सूपड़ा साफ हो गया सचिन किसान पुत्र है पढ़े लिखे समझदार युवा है कांग्रेस का ओबीसी चेहरा है ऊर्जावान और आक्रमक होने के साथ परिपक्व भी है वो भारत के पढे लिखे मिडिल क्लास के लिए आशा की नई किरण बन सकते है कोरोना को जिस प्रकार उन्होंने राजस्थान में रोका है वो उनके अच्छे प्रशासक होने का भी प्रमाण है कुल मिलाकर उनमें आज वो सारे तत्व मौजूद है जो भारत की आज की राजनीति की आवश्यकता है मैंने सुना था कि सचिन के पिता राजेश पायलट पहले दूध बेचा करते थे कांग्रेस को यह बात तो पता होनी चाहिए बगैर दूध की चाय कड़वी होती है अगर कांग्रेस अगले विधानसभा चुनाव में चायवाले की पार्टी को हराने चाहती है तो इस दूधवाले को कमान सौपनी होगी तब ही कांग्रेस के लिए अच्छे दिन आ सकेंगे ????????????????

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