हिन्दी साहित्य

तुम में और मुझ में उतना ही अंतर है जितना स्पेस और कॉसमॉस में है. हम में उतनी ही समानता है जितनी सूरज की आग और चूल्हे की आग में है।
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तुम में और मुझ में उतना ही अंतर है जितना स्पेस और कॉसमॉस में है. हम में उतनी ही समानता है जितनी सूरज की आग और चूल्हे की आग में है।