कविता

मार्च 26, 2023 - 00:27
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कविता

पृ्ष्ठों के ह्रदय में से

उभरते काँपते हैं

वायलिन के स्वर

 सहज गुंजाती झनकार

 गहरे स्नेह-सी।

~ मुक्तिबोध एक कविता में

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