कविता

मार्च 29, 2023 - 00:44
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कविता

‛चतुर मुझे कुछ भी। कभी नही भाया। न औरत। न आदमी। न कविता।

 सामान्यता ही सदा। असामान्य मानकर।

  छाती से लगाया।’ 

~ भवानीप्रसाद मिश्र

 जन्मदिवस पर सादर नमन: २९/३/१९१३

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