कविता

मार्च 26, 2023 - 04:14
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कविता

चाँद को भी गड्ढे

ऐसे ही पड़े- 

रात देर जागा करता था।

सुनता नहीं था- जिद्दी

- जब भी सोने मैं उसको कहता था।।

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