कविता
मुझे दुख नहीं मैं किसी का नहीं हुआ।
दुख है कि मैंने सारा समय
हरेक का होने की कोशिश की।
प्रेम किया।
~श्रीकांत वर्मा/ 'बुखार में कविता' का हिस्सा
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मुझे दुख नहीं मैं किसी का नहीं हुआ।
दुख है कि मैंने सारा समय
हरेक का होने की कोशिश की।
प्रेम किया।
~श्रीकांत वर्मा/ 'बुखार में कविता' का हिस्सा