कविता
जो अक्षय है वह हृदय नहीं है
जो टूटा हुआ है, जो टूटने को है, जो टूटेगा ही टूटेगा
वही है हृदय
Ammber Pandey
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जो अक्षय है वह हृदय नहीं है
जो टूटा हुआ है, जो टूटने को है, जो टूटेगा ही टूटेगा
वही है हृदय
Ammber Pandey