कविता
फिर एक दिन
सब कुछ
अर्थहीन
होने को
बाध्य
क्या साधन
और
क्या साध्य
जीर्ण शीर्ण ज़िल्द में
वेद औ महाकाव्य
रश्मि मालवीया
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?
फिर एक दिन
सब कुछ
अर्थहीन
होने को
बाध्य
क्या साधन
और
क्या साध्य
जीर्ण शीर्ण ज़िल्द में
वेद औ महाकाव्य
रश्मि मालवीया