कविता
सभी मनुष्य हैं सभी सुखी हो सकते हैं
सभी दुखी नहीं हो सकते सभी जानते हैं
दुःख से कैसे बचा जा सकता है
कैसे सुख से बचें सभी नहीं जानते
सभी मनुष्य हैं
सभी ज्ञानी हैं बावरा कोई नहीं है
बावरे के बिना संसार नहीं चलता...
दूधनाथ_सिंह
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