ग़ज़ल

मार्च 28, 2023 - 00:45
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ग़ज़ल

ये आलम शौक़ का देखा न जाए

वो बुत है या ख़ुदा देखा न जाए

ये किन नज़रों से तू ने आज देखा

कि तेरा देखना देखा न जाए

 हमेशा के लिए मुझ से बिछड़ जा

 ये मंज़र बार-हा देखा न जाए

 Ahmed Faraaz

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