कविता (हम ने पत्थरों को छुआ)
हमने
पत्थरों को
छुआ-
उन्हें राजा से ज्यादा याद थे-
अपने शिल्पकारों के हाथ।।
(फ़ोटो: महाबलीपुरम मंदिर)
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हमने
पत्थरों को
छुआ-
उन्हें राजा से ज्यादा याद थे-
अपने शिल्पकारों के हाथ।।
(फ़ोटो: महाबलीपुरम मंदिर)