स्वतंत्रता संग्राम

मार्च 23, 2023 - 14:07
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स्वतंत्रता संग्राम

सजण मेरे रंगले जाये सुत्ते जीराण...

काकोरी की घटना के बाद गिरफ़्तारी से बचने के लिए छुपने के सिलसिले में अशफ़ाक़ लाहौर में कई माह रहे थे. उन दिनों के बारे में कॉमरेड राम चंद्र ने अपनी किताब में लिखा है कि उन्होंने अशफ़ाक़ को अपने यहाँ रखा था.

 भगत सिंह और भगवती चरण वोहरा को भनक लग गयी कि अशफ़ाक़ उनके यहाँ हैं. पता लगाने के लिए जब भगवती चरण आए, तो अशफ़ाक़ की सलाह पर राम चंद्र ने मना कर दिया कि अशफ़ाक़ वहाँ हैं. बाद में जब भगत सिंह आए, तो राम चंद्र ने उन्हें भी यह जानकारी नहीं दी.

क्रांतिकारी संघर्षों के इतिहास में मुखबिरी का मामला बड़ा दिलचस्प रहा है. अशफ़ाक़ ने राम चंद्र को वोहरा से कुछ बताने के लिए इसलिए मना किया था कि उन्हें ऐसा शक़ था कि वोहरा सीआइडी के आदमी हैं.

 अशफ़ाक़ के जाने के बाद जब लाहौर के क्रांतिकारियों को उनके यहाँ होने का पता चला, तो केदार नाथ सहगल ने राम चंद्र को डाँटा कि उनके पीछे ख़ुद सीआइडी लगी है. उन्हें ऐसा ख़तरा नहीं उठाना था.

 और, अगर अशफ़ाक़ उनके यहाँ से पकड़े जाते, तो राम चंद्र के सीआइडी से मिले होने का सुबहा फैल जाता. यह भी कि उस हालत में पंडित अमर नाथ को भी परेशानी होती, जिनकी माँ के हाथ का बनाया खाना अशफ़ाक़ राम किशन बनकर खाते थे.

नौजवान भारत सभा ज़िंदाबाद!

हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन ज़िंदाबाद!

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