नवीन पटनायक अहम मौक़ों पर बीजेपी के साथ क्यों रहते हैं?
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल ने बीते मंगलवार को एलान किया है कि बीजेडी दिल्ली सर्विस विधेयक और अविश्वास प्रस्ताव पर बीजेपी का समर्थन करेगी.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने भी दिल्ली सर्विस विधेयक और अविश्वास प्रस्ताव मुद्दों पर बीजेपी का समर्थन करने का एलान किया है. कहा जा रहा है कि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी का भी यही रुख़ हो सकता है.
ख़बर आने के साथ ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस की आलोचना शुरू कर दी है. ओडिशा से कांग्रेस के इकलौते सांसद सप्तगिरी उलाका ने बीजेडी को बीजेपी की बी टीम क़रार दिया है.
इन दोनों मज़बूत क्षेत्रीय दलों के इस फ़ैसले ने जहाँ राज्यसभा में बीजेपी को बड़ी राहत दी है, वहीं विपक्षी दलों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है.राज्यसभा में आने वाले कुछ दिनों में इस विधेयक पर वोटिंग हो सकती है. किसी विधेयक के पारित होने के लिए उसे आधे से ज़्यादा सांसदों के समर्थन की ज़रूरत होती है.
ऐसे में इस समय राज्य सभा में कुल सांसदों की संख्या 238 है और सात सीटें खाली हैं. इस लिहाज़ से इस विधेयक को पारित कराने के लिए बीजेपी को 120 सांसदों के समर्थन की ज़रूरत होगी. लेकिन फ़िलहाल बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में सिर्फ़ 103 सांसद है. लेकिन वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी के पास राज्य सभा में नौ-नौ सांसद हैं.
ऐसे में एनडीए को इन दोनों पार्टियों का समर्थन मिलने से बीजेपी के लिए राज्य सभा में ये विधेयक पारित कराना आसान हो गया है. इसी वजह से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत दूसरे दलों के नेताओं की ओर से बीजेडी की आलोचना की जा रही है.
लेकिन ये पहला मौक़ा नहीं है जब बीजेडी को बीजेपी का समर्थन करते हुए दिखने की वजह से विपक्षी दलों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा हो.
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