देश दुनिया
2014 में राफेल और 2019 में न्याय–कांग्रेस के ये दोनों नारे न तो विपक्ष को एक साथ ला पाए और न ही नरेंद्र मोदी के फर्जी राष्ट्रवाद के तिलिस्म को तोड़ सके।
लेकिन राहुल के जेल जाने, विपक्ष का मुंह बंद करने, बोलने वाले नेताओं को जेल भेजने की तैयारी यह बता रही है कि कांग्रेस को एक बड़ा ट्रिगर प्वाइंट मिला है। विपक्ष 8 से 14 और फिर 17 हो चुका है।
मोदी सरकार की नींद उड़ी हुई है। अगर आज कर्नाटक में चुनाव की घोषणा नहीं होती है तो कुछ दिनों में खेल खत्म था।
अच्छी बात यह है कि एक ओर मोदी के पीछे अदाणी सेठ खड़े हैं और दूसरी ओर देश का मरता, म्यूट और अयोग्य लोकतंत्र इलाज मांग रहा है। इससे भी अच्छी बात यह कि भारत के लोकतंत्र की चिंता हमारे अवाम को नहीं, बल्कि अमेरिका को ज्यादा है।
फाइनेंशियल टाइम्स ने खबर दी है कि 2017 से 2022 तक अदाणी सेठ की फर्जी शेल कंपनियों ने 2.6 बिलियन डॉलर काला धन भारतीय शेयर बाजार में झोंका है।
इस दौरान कुल 5.7 बिलियन का एफडीआई भारत में आया, जिसमें से 45% काला धन था। वही काला धन, जिसे भारत लाने की बात नरेंद्र मोदी ने 2013 से करनी शुरू की थी।
उन्होंने गलत कुछ भी नहीं कहा था। अलबत्ता, लोगों को 15 लाख तो नहीं मिले, पर अदाणी सेठ की अमीरी बढ़ती गई। इस पूरे समय में सेबी चुपचाप बैठी रही, क्योंकि मोदी यही चाहते थे।
बदले में अदाणी सेठ ने 2011 से 2017 के बीच सेबी के अध्यक्ष रहे उपेंद्र कुमार सिन्हा को एनडीटीवी का डायरेक्टर बनाया है।
सब–कुछ आपकी आंखों के सामने घट रहा है, लेकिन भारत न तो इजरायल बन रहा है और न फ्रांस। जेल जाना किसी को गवारा नहीं।
मुंह खोलना भी नहीं। खामियाजा भले आने वाली पीढ़ी भुगते।
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?