राहुल गांधी के समर्थन में सड़क पर नहीं उतर रही जनता
पी चिदंरम ने कहा कि जनता राहुल गांधी के लिए सड़क पर नहीं उतर रही है और उससे उनको निराशा है। उन्होंने कहा कि कई सालों से जनता किसी मुद्दे को लकर सड़क पर नहीं आयी है।
पी चिदंबरम से जब पूछा गया कि राहुल गांधी के सदस्यता खोने के बाद जनता उनके समर्थन में आंदोलन करने नहीं आ रही है। इसपर पी चिदंबरम ने कहा, जनता किसी भी मुद्दे पर बीते कई सालों से प्रदर्शन करने नहीं आती है। किसानों को भी जनता का समर्थन नहीं मिला था। सीएए के मामले में केवल मुसलमानों ने प्रदर्शन किया। आजादी से पहले हर वर्ग ने गांधी जी का समर्थन किया था। वे सड़कों पर आ गए थे। मुझे आश्चर्य भी है और निराशा भी है कि दूसरे देशों की तरह लोग यहां प्रदर्शन करने नहीं आ रहा है। हॉन्गकॉन्ग में भी लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।
मानहानि मामले में दोषी करार दिए जाने और संसद की सदस्यता खोने के बाद राहुल गांधी के समर्थन में विपक्ष सड़क पर उतरा। संसद भवन परिसर में कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं ने प्रदर्शन किया। इसके अलावा कांग्रेस ने कई राज्यों में 'सत्याग्रह' मार्च निकाला। राज्यसभा में इसी मामले को लेकर इतना हंगामा हुआ कि जम्मू-कश्मीर के बजट पर चर्चा नहीं हो सकी और इसे लोकसभा को बिना चर्चा के ही वापस भेज दिया गया। एक तरफ कांग्रेस मोदी सरकार पर ताकत गे गलत इस्तेमाल का आरोप लगता हुए जनता पर भरोसा जता रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने यह भी स्वीकार कर लिया है कि राहुल गांधी के लिए जनता का समर्थन नहीं मिल पा रहा है।
पी चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोगों से संवाद कर रही है। उन्होंने कहा कि यह मामला नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी का नहीं है। टीएमसी को भी लगा कि यह दो व्यक्तियों को मामला नहीं है बल्कि लोकतंत्र को चुनौती है। उन्होंने कहा कि सभी दलों को यह बात समझ में आ गई है कि जिस तरह से मोदी सरकार काम कर रही है उसका विरोध जरूरी है। उन्होंने कहा कि चार दिन पहले से तुलना करें तो अब विपक्ष ज्यादा एकजुट है। इसकी वजह यही है कि लोकतंत्र को दी जाने वाली चुनौती को सभी समझ रहे हैं।
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